पत्र लेखन - Letter Writing

पत्र लेखन - Letter Writing के बारे में

पत्र लिखना भी एक कला है। अपने परिवार वालों से, मित्रों से, व्यवसायियों तथा विभिन्न कार्यालयों के अधिकारियों से संपर्क बनाए रखने का सबसे सरल साधन पत्र ही है। अच्छे पत्र की मुख्य रूप से चार

पत्र लेखन - Letter Writing


विशेषताएँ मानी गई हैं :

  • पत्र की भाषा सरल हो।
  • पत्र में कही गई बात स्पष्ट हो ।
  • पत्र संक्षिप्त हो तथा उसमें अनावश्यक विस्तार न हो।
  • पत्र में यथायोग्य सम्बोधन, शिष्टाचार आदि शब्दों का प्रयोग हो ।

अच्छा पत्र कैसे लिखें ?

अच्छा पत्र लिखने के लिए निन्मलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए : 

  1. पत्र लिखते समय लेखक को आत्मीयता का परिचय देना चाहिए।
  2. पत्र की भाषा विषयानुकूल होनी चाहिए।
  3. शिकायती पत्रों की भाषा संयत होनी चाहिए। उसमें शिकायत अवश्य की जाए परन्तु बहुत ही नपी-तुली भाषा द्वारा ।
  4. पत्र की भाषा को पढ़कर पढ़ने वाले को लगे कि पत्र लिखने वाला दिखावा नहीं कर रहा है।
  5. पत्र में मूल बात पर ही संक्षेप में बल दिया जाना चाहिए।
  6. प्रार्थना-पत्रों में विनम्रता होनी चाहिए ।
  7. अच्छे पत्र में विचारों की क्रमबद्धता का होना भी आवश्यक होता है।
  8. पत्र लिखने की शैली सरलता के साथ-साथ आकर्षक भी होनी चाहिए जिससे कि वह पत्र पाने वाले को प्रभावित कर सके।
  9. अपने से बड़ों को लिखे गए पत्रों में केवल नाम लिखना चाहिए जैसे--राकेश (राकेश श्रीवास्तव आदि नहीं)।

पत्र के प्रकार

पत्रों के चार प्रकार माने गए हैं :

  1. निजी पत्र (मित्रों, सम्बन्धियों आदि को लिखे गए पत्र) 
  2. प्रार्थना पत्र (प्रधानाचार्य को लिखे गए पत्र या आवेदन पत्र)
  3. व्यावसायिक पत्र - दुकानदारों, व्यापारियों, कम्पनियों आदि को लिखे गए पत्र (शिकायती पत्र, समाचार-पत्र के संपादक के नाम पत्र आदि) ।
  4. सरकारी- पत्र (शासन की ओर से व्यक्ति को या एक विभाग से दूसरे विभाग को भेजे गए पत्र) । 

पत्र के अंग

  1. स्थान और तिथि-पत्र के ऊपरी सिरे पर दायीं ओर लिखी जाती हैं। 
  2. संबोधन - पत्र के प्रारम्भ में बायीं ओर सम्बोधन लिखा जाता है। बड़ों के लिए पूज्य, पूजनीय, श्रद्धेय, मान्यवर, बराबर वालों के लिए प्रिय, प्रियवर, बन्धुवर, मित्रवर, छोटों के लिए आयुष्मान्, प्रियवर, चिरंजीव तथा व्यावसायिक पत्रों में प्रिय महोदय, महोदय आदि का प्रयोग किया जाता है।
  3. अभिवादन - सम्बोधन के नीचे यथायोग्य अभिवादन शब्द भी लिखा जाता है। व्यक्तिगत-पत्रों में बड़ों के लिए प्रणाम, सादर प्रणाम, चरण-स्पर्श, सादर चरण स्पर्श, नमस्कार आदि; छोटों के लिए आशीर्वाद, शुभाशीष, प्रसन्न रहो आदि लिखे जाते हैं। व्यावसायिक पत्रों में अभिवादन नहीं लिखा जाता।
  4. पत्र का कलेवर - यह पत्र का मुख्य विषय होता है। यह अधिक लम्बा न हो।
  5. समाप्ति - पत्र के विषय की समाप्ति के बाद प्रायः कुछ शब्द या वाक्य लिखने की परम्परा है। जैसे शेष फिर, धन्यवाद, धन्यवाद सहित, पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, दर्शन की प्रतीक्षा में आदि लिखे जाते हैं।
  6. हस्ताक्षर से पूर्व की शब्दावली -पत्र के अन्त में पत्र लिखने वाला अपने लिए कुछ सम्बन्धवाची शब्दों का प्रयोग करता है। जैसे-बड़ों को लिखे गए पत्रों में आपका आज्ञाकारी, विनीत, कृपाकांक्षी, आदि; बराबर वालों को लिखे गए पत्रों में- तुम्हारा अभिन्न हृदय, आपका ही छोटों को लिखे गए पत्रों में तुम्हारा शुभचिंतक, तुम्हारा, हितैषी, शुभेच्छु, शुभाकांक्षी व्यावसायिक पत्रों में भवदीय आदि तथा आवेदन-पत्रों में- भवदीय, प्रार्थी, निवेदक आदि लिखते हैं।
  7. हस्ताक्षर-बड़ों को लिखे गए पत्रों में केवल नाम लिखना चाहिए। इससे विनम्रता प्रकट होती है। जैसे-राजीव रमन त्रिपाठी के स्थान पर राजीव रमन लिखना चाहिए। शेष पत्रों में अपना पूरा नाम लिखा जाता है।
  8. पता - पत्र के अन्त में पता होता है। पता भी सावधानी से लिखना चाहिए

इस कक्षा में आप निजी पत्र प्रार्थना-पत्र तथा व्यावसायिक-पत्रों को लिखने का अभ्यास करेंगे। आगे प्रत्येक प्रकार के पत्रों के उदाहरण दिए जा रहे हैं।

1. निजी - पत्र

1. अपने पिता जी को पत्र लिखकर बताइए कि आपकी पढ़ाई कैसी चल रही है। उनसे कुछ रुपये भेजने की प्रार्थना भी कीजिए।

भारत कुटीर

शारदा मार्ग,

वाराणसी।

30 अगस्त, 2022

पूजनीय पिता जी,

सादर चरण-स्पर्श ।

आपका कृपा-पत्र कल प्राप्त हुआ। आपने मेरी पढ़ाई के बारे में पूछा है। आपको जानकर हर्ष होगा कि मेरी पढ़ाई ठीक चल रही है। पिछले दिनों विद्यालय में द्वितीय मासिक परीक्षाएँ हुई थीं। मैं सभी विषयों में न केवल उत्तीर्ण हुआ हूँ, अपितु सभी विषयों में प्रथम भी आया हूँ। मैं नवम्बर में होने वाली षट्मासिक परीक्षाओं के लिए खूब मन लगाकर पढ़ रहा हूँ तथा मुझे आशा है कि आपके आशीर्वाद से मैं कक्षा में प्रथम आऊँगा ।

मुझे कुछ पुस्तकें खरीदनी हैं तथा अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में अपने जन्म-दिन पर सहपाठियों को पार्टी भी देनी है। अतः आपसे प्रार्थना है कि दो सौ रुपये शीघ्र भेजकर कृतार्थ करें। पूज्या माता जी को चरण स्पर्श, सोनू को प्यार । पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में,

आपका आज्ञाकारी पुत्र,

कमल कान्त

2. अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखिए जिसमें अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव का वर्णन कीजिए।

सी-402, पश्चिम विहार, 

नई दिल्ली 

12 जनवरी 2023

प्रिय रवि,

शुभाशीष!

पिछले कई दिनों से तुम्हें पत्र लिखने की सोच रहा था, परंतु विद्यालय के वार्षिकोत्सव तथा अन्य कार्यक्रमों की व्यस्तता के कारण न लिख सका । इस पत्र मे तुम्हें विद्यालय के वार्षिकोत्सव के बारे में बता रहा हूँ। 

जैसा कि तुम जानते हो, हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष 6 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि यही विद्यालय का स्थापना दिवस भी है। इस वर्ष भी बड़ी धूमधाम से वार्षिकोत्सव मनाया गया। इस बार विद्यालय में दो मुख्य कार्यक्रम हुए।

5 जनवरी को वार्षिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था जिसमें सभी कक्षाओं की ओर से विभिन्न विषयों पर चार्ट एवं मॉडल प्रस्तुत किए गए थे। विज्ञान के अनेक मॉडल अत्यन्त श्रेष्ठ थे। चित्रकला तथा क्राफ्ट में विद्यार्थियों ने अनेक सुन्दर-सुदर चित्रों के अलावा बाटिक, टाई एण्ड डाई, स्क्रीन प्रिंटिंग, कढ़ाई, बुनाई, सिलाई जैसे विषयों से सम्बन्धित अनेक वस्तुएँ प्रदर्शित की थीं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन हमारे क्षेत्र के शिक्षाधिकारी ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की ।

6 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस दिन विद्यालय को खूब सजाया गया था। प्रातःकाल से ही खूब चहल-पहल थी । कार्यक्रम की तैयारी पिछले एक मास से चल रही थी। ठीक तीन बजे सायं श्री मदन लाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री अतिथि के रूप में पधारे। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने उनका स्वागत किया। साढ़े तीन बजे कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। छात्रों ने इस बार रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया था जिसमें राजस्थान का लोकगीत, भजन, कव्वाली, देश-भक्ति गीत, फैन्सी ड्रेस, प्रहसन तथा 'पृथ्वीराज की आँखें' नाटक मुख्य थे। पूरा कार्यक्रम लगभग एक घण्टे का था। कार्यक्रम के बाद प्रधानाचार्य ने विद्यालय की प्रगति का लेखा-जोखा (वार्षिक रिपोर्ट) पढ़ा। मुख्य अतिथि ने वर्ष भर में विभिन्न कार्यक्रमों में प्रमुख स्थान पाने वाले छात्रों को पुरस्कार वितरित किए। उन्होंने अपने भाषण में विद्यालय के आचार्यों, प्रधानाचार्य तथा छात्र-छात्राओं की सराहना की और विद्यालय के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की । विद्यालय के व्यवस्थापक ने मुख्य अतिथि का आभार प्रदर्शन किया । प्रधानाचार्य द्वारा अगले दिन का अवकाश घोषित किए जाने पर सब छात्रों ने तालियाँ बजाकर हर्ष ध्वनि की । 

लगभग साढ़े पाँच बजे कार्यक्रम समाप्त हो गया। मैंने भी नाटक में भाग लिया था तथा मुझे तीन पुरस्कार भी मिले। पूज्य पिता जी, पूज्या माता जी को चरण-स्पर्श तथा बबलू को प्यार ।

तुम्हारा शुभचिंतक,

सदानन्द ।

3. अपने पिता जी को पत्र लिखिए जिसमें विद्यालय द्वारा आयोजित किसी ऐतिहासिक नगर के भ्रमण के लिए अनुमति माँगी गई हो ।

कबीर हाउस

सावन पब्लिक स्कूल

12 दिसंबर 2022

पूजनीय पिता जी, 

सादर प्रणाम ।

आपका कृपा-पत्र कल प्राप्त हुआ। पढ़कर अत्यन्त हर्ष हुआ कि अब आपका स्वास्थ्य ठीक है। आपने मेरी पढ़ाई के बारे में चिंता व्यक्त की है I मेरी पढ़ाई अत्यंत सुचारु रूप से चल रही है, आप किसी भी प्रकार की चिन्ता न करें।

पिता जी ! हमारे विद्यालय की ओर से छात्रों का एक दल दिसम्बर की छुट्टियों में जयपुर तथा उदयपुर भ्रमण पर जा रहा है। इसमें मेरे अनेक सहपाठी जा रहे हैं। मेरी भी इच्छा है कि मैं राजस्थान के इन ऐतिहासिक नगरों की यात्रा करूँ। कृपया मुझे इस भ्रमण पर जाने की अनुमति प्रदान करें। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इस यात्रा से मेरी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी। कृपया यात्रा व्यय के लिए दो सौ रुपये शीघ्र मनीआर्डर से भेजने का कष्ट करें। आपकी अति कृपा होगी। पूज्या माता जी को चरण-स्पर्श तथा सुनीता को प्यार ।

आपका आज्ञाकारी पुत्र, 

दिनेश ।

4. अपने मित्र को जन्म-दिन पर बधाई-पत्र लिखिए :

परीक्षा भवन,

क०ख०ग०

6 मार्च, 1994

प्रिय आनन्द,

सादर वन्दे ।

कल ही तुम्हारा पत्र मिला जिसमें तुमने अपने जन्मदिन पर आने का निमंत्रण दिया है। मैं तुम्हारे जन्म-दिन को कैसे भूल सकता हूँ ? मुझे प्रसन्नता है कि इस वर्ष भी तुम अपना जन्म-दिन पिछले वर्ष की भाँति धूमधाम से मना रहे हो।

मित्र ! मेरी ओर से जन्म-दिन की तुम्हें ढेर सारी बधाइयाँ । मेरी ईश्वर से यही कामना है कि वह तुम्हें दीर्घायु करे और तुम जीवन में सफलता प्राप्त करते रहो। मुझे इस बात का खेद है कि मैं तुम्हारे जन्म-दिन पर इस बार उपस्थित न हो सकूँगा क्योंकि इसी दिन मेरी बहिन की शादी है। ईश्वर करे यह दिन बार-बार आए। बहिन के विवाह के बाद मैं तुम्हारे यहाँ आऊँगा । कृपया मेरी शुभ कमनाएँ स्वीकार करें। पूज्य चाचा जी, पूज्या चाची जी को सादर प्रणाम ।

तुम्हारा अभिन्न हृदय

सुनील

5. अपने मित्र को पत्र लिखिए जिसमें उसे ग्रीष्मावकाश में अपने साथ कश्मीर चलने का निमन्त्रण दीजिए।

बी० ए० 486, पश्चिम विहार,

नई दिल्ली। 

16 मार्च, 2022

प्रिय मित्र दिनेश,

सादर नमस्कार ।

आज ही तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर प्रसन्नता हुई कि तुम्हारी परीक्षाएँ समाप्त हो गई हैं और तुम्हें पूरी आशा है कि इस बार भी तुम अपनी कक्षा में प्रथम आओगे। तुमने पत्र में लिखा है कि ग्रीष्मावकाश में तुम अपने माता-पिता के साथ गाँव में ही रहोगे। हमने कुछ और ही कार्यक्रम बनाया हुआ है। मैं अपने माता-पिता के साथ कश्मीर जा रहा हूँ। कितना अच्छा हो, यदि तुम भी मेरे साथ चलो। मेरे माता-पिता भी यही चाहते हैं कि तुम भी हमारे साथ कश्मीर चलो। वैसे भी पिछले वर्ष जब मैं तुम्हारे साथ शिमला गया था, तो तुमने वायदा किया था कि अगले वर्ष मेरे साथ चलोगे।

कश्मीर को पृथ्वी का स्वर्ग कहते हैं। वहाँ का सौन्दर्य अद्वितीय है। हम लोग कश्मीर की सुन्दरता का आनन्द लेंगे तथा वैष्णों देवी के दर्शन भी करेंगे। यदि तुम मेरे साथ चलोगे तो मेरा आनन्द दुगुना हो जाएगा। मैंने तुम्हारे पिता जी को अलग से भी एक पत्र लिख दिया है। जिसमें उनसे तुम्हें मेरे साथ चलने की अनुमति देने की प्रार्थना की गई है। मुझे आशा है, वे मना नहीं करेंगे। अतः तुम अपनी तैयारी आरम्भ कर दो। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में,

तुम्हारा अभिन्न मित्र,

कमलेश्वर ।

6. परीक्षा में असफल होने पर अपने मित्र को सान्त्वना देते हुए पत्र लिखिए।

2663, नई सड़क, 

दिल्ली ।

12 जनवरी 2023

प्रिय मित्र मोहन,

नमस्कार ।

आज की डाक से पूज्य चाचा जी का पत्र आया जिसे पढ़कर विदित हुआ कि तुम इस बार परीक्षा में सफल नहीं हो सके हो। जानकर अत्यन्त दुःख हुआ। तुम्हें भी निराशा एवं दुःख हुआ होगा। परन्तु मित्र ! निराशा एवं दुःख की कोई बात नहीं है। तुम पिछले पाँच महीनों से बीमार चल रहे थे, जिसके कारण तुम्हारी पढ़ाई में व्यवधान पड़ना स्वाभाविक था। अत: अपने मन में तनिक भी ग्लानि का अनुभव न करो। मनुष्य का काम तो परिश्रम करना है। बीमारी के बावजूद तुमने परीक्षा में बैठने का साहस किया तथा खूब परिश्रम भी किया। मेरी मानो तो अभी से अगले वर्ष की तैयारी आरम्भ कर दो। मुझे विश्वास है कि तुम अगले वर्ष अपने विद्यालय में नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हो।

पूज्य चाचा जी एवं पूज्या चाची जी को प्रणाम एवं टीटू को शुभाशीर्वाद ।

तुम्हारा अभिन्न मित्र,

जितेन्द्र | 

7. अपने मित्र को जन्म-दिन पर निमन्त्रण भेजते हुए पत्र लिखिए।

डी०यू०-222, 

पीतमपुरा, 

नई दिल्ली।

26 नवम्बर, 2022

प्रिय पंकज,

सादर नमस्कार ।

पिछले बहुत दिनों से न तो तुम्हारा कोई पत्र आया और न ही कोई समाचार | लगता है तुम मुझे भूल ही गए हो। परन्तु हम सब तुम्हें नहीं भूले हैं। घर में भी सब तुम्हें याद करते हैं।

तुम्हें 1 अक्तूबर का दिन तो नहीं भूला होगा। अपने वायदे के अनुसार तुम्हें इस बार इस दिन हमारे यहाँ आना है। अब तो तुम समझ ही गए होंगे कि 1 अक्तूबर को क्या है ? इस दिन मेरा जन्म दिन है। पिछली बार तुम अस्वस्थता के कारण नहीं आ सके थे, पर इस बार कोई बहाना मत बना देना। इस अवसर पर मैंने जितेन्द्र, रवि, कमल, पीयूष, सुधांशु, आदि को भी बुलाया है। वे तुमसे मिलकर बहुत खुश होंगे। यदि तुम आओगे तो कार्यक्रम का मजा दुगुना हो जाएगा। प्रातःकाल हवन होगा, दोपहर को प्रीतिभोज तथा रात्रि में माँ भगवती का जागरण। दिनभर खूब आनन्द लेंगे ।

पूज्य चाचा जी, पूज्या चाची जी को सादर प्रणाम। बीना को प्यार । तुम्हारी प्रतीक्षा में,

तुम्हारा अभिन्न मित्र,

हेमेन्द्र।

8. अपने छोटे भाई को व्यायाम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पत्र लिखिए।

सी॰ 402, विकासपुरी

नई दिल्ली

13 जनवरी, 2023

प्रिय दिनेश,

शुभाशीष ।

    कल पूज्य पिता जी का पत्र मिला जिसमें उन्होंने लिखा है कि आजकल तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता तथा उसका कारण भी तुम स्वयं हो ।

    तुम जानते हो कि अच्छा स्वास्थ्य विद्यार्थी के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है। अच्छे स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन एवं मस्तिष्क का वास होता है। किसी ने ठीक कहा है-पहला सुख नीरोगी काया। यदि स्वास्थ्य ही ठीक नहीं है, तो स्वस्थ मस्तिष्क का होना असम्भव है। मुझे पता चला है कि आजकल तुम देर से उठते हो तथा तुमने व्यायाम करना भी छोड़ दिया है। शरीर को चुस्त एवं फुर्तीला बनाने के लिए व्यायाम बहुत आवश्यक है। व्यायाम करने से शरीर में न केवल स्फूर्ति आती है, बल्कि रक्त का संचार भी बढ़ जाता है और आलस्य दूर हो जाता है। अच्छा स्वास्थ्य होने पर पढ़ाई में खूब मन लगता है। तुम्हारे आलस्य का कारण तुम्हारा व्यायाम न करना है । विद्यार्थी जीवन में शरीर की पुष्टि अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होती है। व्यायाम करने वाला विद्यार्थी परीक्षा में कभी असफल नहीं होता क्योंकि न तो उसे आलस्य आता है और न ही वह पढ़ने से जी चुराता है। अतः मेरी मानो और प्रातःकाल जल्दी उठकर प्रातः भ्रमण किया करो तथा नियमित व्यायाम भी । यदि तुमने मेरी सलाह मानी तो इसका परिणाम तुम स्वयं देखकर चकित हो जाओगे ।

आशा है तुम मेरी सलाह मानोगे तथा मुझे सूचित भी करोगे ।

तुम्हारा अग्रज,

कपीन्द्र |

2. प्रार्थना-पत्र

1. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को बीमारी के अवकाश के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।

सेवा में,

श्रीमान् प्रधानाचार्य जी,

ज्ञान मंदिर पब्लिक स्कूल नरायणा विहार, नई दिल्ली।

मान्यवर,

निवेदन है कि कल रात्रि से ही मैं ज्वर से पीड़ित हूँ। चिकित्सक ने मुझे दो दिन पूर्ण विश्राम करने की सलाह दी है; अतः मैं तीन दिन विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकूँगा। कृपया मुझे 6.11.94 से 8.11.94 तक का अवकाश स्वीकृत करके अनुग्रहित करें।

दिनांक 23.01.2023

आपका आज्ञाकारी शिष्य 

गजेंद्र

कक्षा सात "ख"

अनुक्रमांक - 26

2. अपने प्रधानाचार्य को प्रमाण-पत्र लेने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।

सेवा में,

श्रीयुत् प्रधानाचार्य महोदय,

डी० ए० वी० पब्लिक स्कूल,

पीतमपुरा, नई दिल्ली ।

मान्यवर,

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा सात 'ग' का छात्र हूँ। मेरे पिता जी सरकारी कर्मचारी हैं तथा उनका स्थानांतरण बंगलौर हो गया है। विवश होकर मुझे आपका विद्यालय छोड़ना पड़ रहा है। आपसे विनती है कि मुझे विद्यालय का स्थानांतरण प्रमाण-पत्र देने की कृपा करें। 

मैंने संगीत, नाटक, कविता तथा अन्य सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया था तथा अनेक पुरस्कार भी प्राप्त किए थे। कृपया प्रमाण-पत्र में इनका उल्लेख भी करने का कष्ट करें।

धन्यवाद,

दिनांक 26.12.2022

आपका आज्ञाकारी शिष्य

कपिल मोहन

कक्षा VII "ग"

अनुक्रमांक 36

3. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए जिसमें आर्थिक सहायता की प्रार्थना की गई हो। 

सेवा में,

श्रीमान् प्रधानाचार्य जी,

सेंट माइकेल स्कूल,

पूसा रोड, नई दिल्ली ।

मान्यवर,

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा सात वर्ग 'क' की छात्रा हूँ। मेरे पिता जी एक दुकान पर सेल्समैन हैं। घर में वे अकेले कमाने वाले हैं तथा उनकी मासिक आय केवल 1000/- रु० हैं। हमारे घर में मेरे तीन भाइयों के अतिरिक्त मेरे दादा जी तथा दादी जी भी रहते हैं। पिजा जी की इतनी कम आय से परिवार का निर्वाह बड़ी कठिनाई से होता है।

मैं आपकी कक्षा में सदैव प्रथम आई हूँ तथा मैंने विद्यालय की ओर से आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लिया है। इस वर्ष मैंने अन्तर्विद्यालयीय भाषण प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया था। मैं आपसे विनती करती हूँ कि मुझे विद्यालय की ओर से आर्थिक सहायता स्वीकृत करें। यदि आपने मुझे आर्थिक सहायता नहीं दी तो मैं अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाऊँगी। आशा है आप मेरी सहायता करेंगे जिससे कि मैं अपनी पढ़ाई जारी रख सकूं। मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मैं सदैव इसी प्रकार परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करूँगी तथा विद्यालय की विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर विद्यालय का नाम करूँगी।

धन्यवाद,

दिनांक ******

आपकी आज्ञाकारी शिष्या

कमला

कक्षा 7वीं "क"

अनुक्रमांक 24

4. आप अपने विद्यालय की क्रिकेट टीम के कप्तान हैं। आप बाल भारती स्कूल से क्रिकेट का मैच खेलना चाहते हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य से इसकी अनुमति माँगते हुए एक पत्र लिखिए।

सेवा में,

श्रीमान् प्रधानाचार्य जी,

कैम्ब्रिज स्कूल

राजौरी गार्डन, नई दिल्ली।

मान्यवर,

सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय की क्रिकेट टीम बाल भारती स्कूल पीतमपुरा से क्रिकेट का एक आपसी मैच खेलना चाहती है। हमारे विद्यालय में पिछले दिनों जब अन्तर्विद्यालयीय प्रतियोगिता हुई थी, तो उस विद्यालय के. शारीरिक शिक्षा के आचार्य छात्रों के साथ आए । हमने उनसे इस मैच के विषय में बात की थी। उन्होंने अपनी ओर से इसकी अनुमति प्रदान की दी थी। यदि आप अनुमति प्रदान करें तो यह मैच अगले शनिवार को विद्यालय में खेला जा सकता है।

आशा है आप छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए इस मैच की अनुमति प्रदान करेंगे तथा हमारे शारीरिक शिक्षा के आचार्य को इसके प्रबंध संबंधी आवश्यक निर्देश देंगे।

धन्यवाद,

दिनांक 21.01.2022

आपका आज्ञाकारी,

विपुल मोहन

कैप्टन, विद्यालय क्रिकेट टीम

5. नगर - निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को अपने मोहल्ले की सफाई के लिए पत्र लिखिए

सेवा में,

स्वास्थ्य अधिकारी महोदय,

दिल्ली नगर निगम

पश्चिमी क्षेत्र, रजौरी गार्डन

नई दिल्ली

मान्यवर,

इस पत्र के माध्यम से हम रघुवीर नगर, बी०-ब्लॉक के निवासी आपका ध्यान इस क्षेत्र में व्याप्त गंदगी की ओर आकर्षित कर रहे हैं तथा अपनी कठिनाई आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है आप सम्बन्धित अधिकारियों को उचित निर्देश देकर कृतार्थ करेंगे।

हमारी कॉलोनी में जगह जगह पर कूड़े के ढेर पड़े हुए हैं जिनके कारण चारों ओर दुर्गंध आती रहती है। कूड़े के ढेर से मक्खी तथा मच्छरों का बढ़ जाना स्वाभाविक है। जरा-सी वर्षा हो जाने पर इसमें से और भी दुर्गन्ध आती है जिसके कारण इस क्षेत्र के निवासियों का रहना दूभर हो गया है। वर्षा ऋतु आरम्भ होने पर भी इस क्षेत्र में हैजा तथा मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने की पूरी सम्भावना है।

इस क्षेत्र में नियुक्त अधिकारियों से हमने अनेक बार लिखित प्रार्थना की, परन्तु खेद है कि उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। सफाई कर्मचारी तो हमारी बात सुनते ही नहीं । आपसे नम्र निवेदन है कि तत्काल इस समस्या का समाधान करवाये और सम्बन्धित अधिकारियों को उचित निर्देश देकर कृतार्थ करें।

धन्यवाद,

दिनांक 03.01.2023

भवदीय,

रघुवंश शर्मा

प्रधान

मोहल्ला सुधार समिति

रघुवीर नगर बी॰ब्लॉक

नई दिल्ली

6. अपने पड़ोस में हुई चोरी की रिपोर्ट करते हुए थानाध्यक्ष को पत्र लिखिए। 

सेवा में,

थाना अध्यक्ष महोदय,

तिलक नगर

नई दिल्ली

मान्यवर,

मैं संतनगर बी ब्लॉक का निवासी हूँ तथा इस पत्र के द्वारा गत रात्री में अपने पड़ोस में हुई चोरी की सूचना आप तक पहुंचाना चाहता हूँ।

गत रात्रि लगभग 11.00 बजे, जब मैं पढ़ रहा था, मैंने अपने पड़ोस में कुछ तोड़-फोड़ की आवाज सुनी। जब बाहर निकलकर मैंने देखा, तो पाया कि हमारे पड़ोस के मकान नं० 2178 का दरवाजा खुला हुआ है तथा भीतर की बत्ती भी जल रही है। हमारे पड़ोसी श्री महेन्द्र प्रताप शर्मा पिछले दो माह से बाहर गए हुए हैं, मैंने समझा शायद वे आ गए हैं। मैं उत्सुकतावश उनके पुत्र रमेश से मिलने भीतर गया, तो देखा कि तीन व्यक्ति कुछ सामान बाँध रहे हैं। मेरे शोर मचाने के पूर्व वे एक अटैची में सामान बाँधकर भाग गए। उनके जाते ही मैंने शोर मचाया, पर आस-पास के लोग अपने घरों से बाहर निकलें, इससे पूर्व ही वे नौ दो ग्यारह हो गए।

मान्यवर ! इस क्षेत्र में असामाजिक तत्त्व इस प्रकार की चोरियाँ आए दिन करते हैं। लगता है चोरों का कोई गिरोह इस क्षेत्र में सक्रिय है । आपसे निवेदन है कि आप चोरों को पकड़वाकर श्री शर्मा जी का सामान दिलवाने का कष्ट करें। आपसे विनती है कि इस क्षेत्र में रात्रि में चौकसी और कड़ी कर दें तथा ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों को और सतर्क रहने का भी आदेश दें जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएँ फिर न हों ।

धन्यवाद,

भवदीय

कखग

बी ब्लॉक संत नगर

नई दिल्ली 18

दिनांक 06.12.2022 

7. बस में छूटे सामान का पता लगाने के लिए दिल्ली परिवहन निमग के अधिकारी को पत्र लिखिए।

सेवा में,

प्रबन्ध अधिकारी महोदय,

दिल्ली परिवहन निगम, सिंधिया हाउस, नई दिल्ली।

महोदय,

निवेदन है कि मैं कल दिनांक 11.11.94 को प्रातः दस बजे पंजाबी बाग में बस नं0 900 में केन्द्रीय टर्मिनल के लिए सवार हुआ। बस में अत्यधिक भीड़ थी। मैंने अपनी अटैची अपने पास ही रख दी और खड़ा हो गया। केन्द्रीय टर्मिनल आने पर मैं अपनी अटैची लिए बिना ही उतर गया।

डी० एल० पी० 4669 था। मैंने टर्मिनल पर संबंधित अधिकारियों से पूछताछ भी की, पर मेरी अटैची का पता न चला। मुझे आशा है मेरी अटैची बस के संवाहक ने आपके दफ्तर में अवश्य जमा करवा दी होगी। अटैची काले रंग की तथा वी०आई०पी० कम्पनी की है। उस पर मेरे नाम की चिट भी लगी है जिस पर पूरा पता भी है। अटैची में कुछ कपड़े, कुछ किताबें तथा सौ रुपये हैं।

यदि अटैची आपके कार्यालय में जमा करवाई गई हो, तो मुझे सूचित करने का कष्ट करें। यदि यह जमा न करवाई गई हो तो उस बस के संवाहक से पूछताछ करके मेरी अटैची ढुंढवाने का प्रयास करें। सधन्यवाद,

भवदीय,

दिनांक : 12.11.94

सुनील कुमार शर्मा

सी०-306, गली नं० 70

पंजाबी बाग, नई दिल्ली।

8. पुस्तक विक्रेता अथवा प्रकाशक को पुस्तकें मँगाने के लिए पत्र लिखिए

सेवा में,

व्यवस्थापक महोदय,

सरस्वती हाउस (प्रा०) लि०,

3649, चावड़ी बाजार

दिल्ली -110006

महोदय,

कृपया निम्नलिखित पुस्तकें वी०पी०पी० से शीघ्र भेजने का कष्ट करें। मैं पचास रुपये की अग्रिम धन-राशि भी भेज रहा हूँ। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि वी०पी०पी० आते ही उसे छुड़ा लूँगा। पुस्तकें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि सभी पुस्तकें नए संस्करण की हों, उनका पैकिंग ठीक से किया गया हो तथा उन पर उचित कमीशन भी काटा गया हो। पुस्तकों की सूची निम्नलिखित

हिन्दी व्याकरण (भाग-1) ......... तीन प्रतियाँ

हिन्दी व्याकरण (भाग-II) .....पाँच प्रतियाँ 

हिन्दी व्याकरण (भाग-III)....... दो प्रतियाँ

भूगोल एटलस          .......... चार प्रतियाँ

संस्कृत व्याकरण (भाग-III) ......पाँच प्रतियाँ

धन्यवाद,

भवदीय, 

दिनेश कुमार 

6/33 दातागंज

प्रयागराज उप्र

दिनांक 15.04.2021

9. 'नवभारत टाइम्स' के संपादक को पत्र लिखिए जिसमें अपने क्षेत्र में बिजली के संकट तथा उससे उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन हो ।

सम्पादक महोदय,

नवभारत टाइम्स

बहादुरशाह ज़फर मार्ग

नई दिल्ली।

मान्यवर,

मैं आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से 'दिल्ली विद्युत प्रदाय संस्थान' के अधिकारियों का ध्यान पश्चिम विहार क्षेत्र में बिजली की अपर्याप्त सप्लाई के कारण उत्पन्न कठिनाइयों की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है आप मेरे पत्र को उचित स्थान पर प्रकाशित करके अनुगृहीत करेंगे।

वैसे तो मार्च-अप्रैल के दिनों में दिल्ली की जनता को बिजली का संकट सहना पड़ता है, परन्तु इस बार फरवरी के मध्य से ही पश्चिम विहार क्षेत्र के निवासी बिजली के संकट से अत्यधिक प्रभावित हुए हैं। यहाँ कई-कई दिन बिजली नहीं आती और यदि आती भी है तो केवल कुछ 6 घण्टों के लिए। बिजली के न होने के कारण इस क्षेत्र के निवासी अत्यंत परेशान हैं। आश्चर्य की बात है कि हमने 'विद्युत प्रदाय' के अधिकारियों को इस बारे में कई बार मौखिक तथा लिखित रूप सूचित किया तथा स्वयं उनसे मिले भी, परन्तु हर बार उन्होंने स्थिति में सुधार करने का वायदा तो किया, पर वांछित सुधार नहीं हो पाया।

फरवरी-मार्च के महीने विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं । इन्हीं दिनों में परीक्षाएँ होती जिनके परिणाम पर विद्यार्थियों का भविष्य निर्भर करता है। बिजली के न होने के कारण विद्यार्थियों को विशेष रूप से बहुत कठिनाई हो रही है।

आपके समाचार-पत्र के माध्यम से मेरा 'दिल्ली विद्युत प्रदाय संस्थान' के अधिकारियों से निवेदन है कि वे इस क्षेत्र के निवासियों की समस्या का उचित समाधान शीघ्र करेंगे।

धन्यवाद,

भवदीय,

राजीव रमन, सचिव

जी०एच०- 14/616                                                                                                                         पश्चिम विहार, नई दिल्ली-41 

दिनांक 11.2.22                                                                                                        पश्चिम विहार सुधार समिति, नई दिल्ली।

10. दैनिक हिन्दुस्तान के संपादक को पत्र लिखिए जिसमें अपने क्षेत्र में बसों की अव्यवस्था के बारे में बताइए । श्रीयुत सम्पादक महोदय,

दैनिक हिन्दुस्तान

कस्तूरबा गाँधी मार्ग

नई दिल्ली-110001

मान्यवर,

आपके प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के माध्यम से मैं दिल्ली परिवहन निगम के अधिकारियों का ध्यान अपने क्षेत्र की बस व्यवस्था के बारे में आकर्षित कराना चाहता हूँ। आपसे अनुरोध है कि मेरे पत्र को अपने समाचार-पत्र में प्रकाशित करने की कृपा करें।

मैं पश्चिम विहार जी०एच०-13 का निवासी हूँ। इस क्षेत्र में डी०डी०ए० ने 1200 फ्लैटों का निर्माण किया है तथा हमारे सामने ही पॉकेट जी०एच०- 14 है जिसमें लगभग 1300 फ्लैट हैं । यहाँ के निवासियों के लिए समुचित बस व्यवस्था न होने के कारण, बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यहाँ के अधिकांश निवासी सरकारी कर्मचारी हैं जिन्हें अपने कार्यालय समय पर पहुँचना पड़ता है। प्रातःकाल बसों की उचित व्यवस्था के अभाव में उनमें से अधिकांश को लगभग 12 किलोमीटर पैदल चलकर बस पकड़नी पड़ती है जिसके कारण वे प्रायः अपने कार्यालय ठीक समय से नहीं पहुँच पाते। वर्षा के दिनों में तो स्थिति और भी खराब हो जाती है।

इस क्षेत्र के निवासियों ने डी०टी०सी० अधिकारियों से अनेक बार लिखित प्रार्थना की, परन्तु अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। आपके समाचार-पत्र के माध्यम से मैं अधिकारियों से निवेदन करता हूँ कि सैयद नांगलोई तथा पश्चिम विहार तक आने वाली कुछ बसों को जी०एच०-13 तक बढ़ाकर इस क्षेत्र के निवासियों की इस कठिनाई को दूर करें ।

मुझे आशा है कि डी०टी०सी० के अधिकारी इस ओर तुरंत ध्यान देंगे।

धन्यवाद,

भवदीय,

101 / जी०एच०-13 पश्चिम विहार,                                                                                       केवल कृष्ण खोसला,                                                                                                                                              अध्यक्ष

दिनांक 14.11.21      जी०ए०-13 सुधार समिति,

पश्चिम विहार, नई दिल्ली

निष्कर्ष: आशा करते हैं अब आपको पत्र लिखने किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होगी
Hari Mohan

नमस्कार दोस्तों। मेरा मुख्य उद्देश्य इंटरनेट के माध्यम से आप तक अधिक से अधिक ज्ञान प्रदान करवाना है

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